गणतंत्र दिवस को भारत में एक राष्ट्री पर्व के रूप में मनाया जाता है | भारत में हर साल गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है | यह वह दिन है जब भारत में गणतंत्र और संविधान की स्थापना हुई थी। इस दिन को हमारे देश के आत्मगौरव तथा सम्मान से भी जोड़ा जाता है। इस दिन देश भर में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते और खासतौर से विद्यालयों तथा सरकारी कार्यलयों में इसे काफी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है तथा इसके उपलक्ष्य में भाषण तथा निबंध लेखन जैसे प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है |
गणतंत्र दिवस पर निबंध –
प्रस्तावना –
गणतंत्र दिवस भारत में मनाया जाने वाला एक राष्ट्री लोक पर्व है | गणतंत्र दिवस कोहर साल 26 जनवरी की मनाया जाता है | इसी दिन यानी 26 जनवरी 1950 को हमारे देश का संविधान प्रभाव में आया था | गणतंत्र दिवस भारत में मनाया जाने वाले तीन महत्वपूर्ण राष्ट्री पर्वों में से एक है | इसे हर जाति तथा संप्रदाय द्वारा काफी सम्मान और उत्साह के साथ मनाया जाता है| गणतंत्र दिवस के दिन देश भर में परेड तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है | इस दिन हम सब का ये कर्तव्य बनता है की इस विशेष दिन को हम उचित सम्मान दे और इसे साथ मिलकर मनाये, ताकि हमारे देश की यह एकता और अखंडता इसी प्रकार से बनी रहे |
गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है –
गणतंत्र दिवस मानाने का मुख्य कारण यही है की इस दिन हमारा देश का संबिधान प्रभाव में आया था , लेकिन इस दिन का एक इतिहास और भी , है जो काफी रोचक है | इस रोचक इतिहास की शुरुवात लाहौर में पंडित नेहरु की अध्यक्षता में 1929 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन से हुई थी | इसमें कांग्रेस द्वारा इस बात की घोषणा की गयी थी की 26 जनवरी 1930 तक भारत को एक स्वतंत्र शासन (डोमीनियन स्टेटस) नही प्रदान किया गया तो इसके बाद भारत अपने आप को पूर्णतः स्वतंत्र घोषित कर देगा, लेकिन जब यह दिन आया और अंग्रेजी सरकार द्वारा इस मुद्दे पर कोई जवाब नही दिया गया तब कांग्रेस ने उस दिन से पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्ति के लक्ष्य से अपना सक्रिय आंदोलन आरंभ कर दिया। यहीं कारण है कि जब हमारा भारत देश आजाद हुआ तो 26 जनवरी के दिन के इस दिन संविधान स्थापना के लिए चुना गया |
भारत का राष्ट्री पर्व गणतंत्र दिवस –
भारत के इतिहास में 26 सन 1950 के दिन को स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाता है , क्योकि इस दिन हमारे देश भारत को पूर्ण रूप से स्वतंत्रता प्राप्त हो गयी थी | वैसे तो हमारे देश भारत को स्वतंत्रता 15 अगस्त 1947 को मिल गयी थी , परन्तु इस दिन हमें पूर्ण रूप से स्वतंत्रता नहीं मिली थी , जब 26 जनवरी 1950 को हमारा संबिधान प्रभाव में आया उस दिन हमें पूर्ण रूप से स्वतंत्रता प्राप्त हुयी थी और ये दिन भारत के इतिहास में हमेशा के लिए अमर हो गया | तभी से इस दिन को भारत के इतिहास एक महत्वपूर्ण राष्ट्री पर्व के रूप में मनाया जाने लगा | इसके आलावा भारत के दो राष्ट्री पर्व गाँधी जयंती और स्वतंत्रता दिवस भी है |
गणतंत्र दिवस के दिन पुरे देश में राष्ट्री अवकाश घोषित रहता है | इस दिन विद्यालय तथा कार्यलय जैसे कई जगहों पर झंडा फहराया जाता है और कई सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाता है | इस दिन का सबसे भव्य आयोजन नई दिल्ली के राजपथ में होता है, जहां कई तरह की झांकिया और परेड निकाले जाते हैं | गणतंत्र दिवस का यह दिन एक ऐसा दिन होता है, जो हमें हमारे देश के संविधान का महत्व समझाता है, इसी कारण से इस दिन को पूरे देश भर में इतने धूम-धाम से मनाया जाता है |
गणतंत्र दिवस के बारें अनेक महत्वपूर्ण व रोचक तथ्य –
हर साल 26 जनवरी के इस ऐतिहासिक दिन को दिल्ली के राजपथ पर बड़े धूम – धाम से मनाया जाता है | इस ऐतिहासिक दिन के बारें में कुछ रोचक तथ्य के बारें में हम आपको बता रेह है |
- इसी दिन 26 जनवरी सन 1930 को देश में पूर्ण स्वराज का कार्यकर्म मनाया गया था | इसमें अंग्रेजी हुकूमत से पूर्ण आजादी के प्राप्ति का प्रण लिया गया था |
- गणतंत्र दिवस पर परेड के दौरान एक विशेष प्रकार की क्रिस्चियन ध्वनी बजायी जाती है जिसे की “अबाईड वीथ मी” के नाम से जाना जाता है | माना जाता है की ये ध्वनी महात्मा गाँधी के सबसे प्रिय ध्वनी में से एक थी |
- भारत के पहले गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे |
- राजपथ पर पहली बार गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन सन 1955 में हुवा था |
- गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान भारत के राष्ट्री पति को 31 तोपों की सलामी दी जाती है |
इसे भी पड़े –
Republic day History in Hindi (गणतंत्र दिवस का इतिहास )
गणतंत्र दिवस समारोह –
हर साल 26 जनवररी को भारत के राजपथ पर गणतंत्र दिवस के कार्यकर्म को बड़े धूम – धाम से मनाया जाता है | भारत में हर गणतंत्र दिवस पर किसी विशेष अतिथि को बुलाने की परंपरा भी रही है | कई बार गणतंत्र दिवस के इस समारोंह पर एक से अधिक अथितियों को भी बुलाया जाता है | इस दिन सर्वप्रथम भारत के राष्ट्रपति द्वारा तिरंगा फहराया जाता है और इसके बाद वहां मौजूद सभी लोग सामूहिक रूप से खड़े होकर राष्ट्रगान गाते हैं|
राष्ट्रगान गाने के बाद कई तरह की सांस्कृतिक कार्यकर्म होते है और अनेक झाकियां निकली जाती है | इस दिन का सबसे विशेष कार्यक्रम परेड का होता है, जिसे देखने के लिए लोगों में काफी उत्साह होता है। इस परेड का आरंभ प्रधानमंत्री द्वारा राजपथ पर स्थित अमर जवान ज्योति पर पुष्प डालने के पश्चात होता है | इसमें भारतीय सेना के विभिन्न रेजीमेंट, वायुसेना तथा नौसेना द्वारा हिस्सा लिया जाता है |
गणतंत्र दिवस के समारोह के दौरान परेड वह कार्यकर्म होता है , जिसके द्वारा भारत अपने सामरिक तथा कूटनीतिक शक्ति का भी प्रदर्शन करता है और विश्व को यह संदेश देता है कि हम अपने रक्षा में सक्षम है। 2018 के गणतंत्र दिवस समारोह में एक साथ कई सारे मुख्य अतिथियों को आमंत्रित किया गया था। इस कार्यक्रम सभी आसियान देशों के के प्रमुखों को आमंत्रित किया गया था | गणतंत्र दिवस समारोह का यह कार्यक्रम भारत की विदेश नीती के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस कार्यक्रम में आमंत्रित किये गये विभिन्न देशों के मुख्य अतिथियों के आगमन से भारत को इन देशों से संबंधों को बढ़ाने का मौका मिलता है |
निष्कर्ष –
गणतंत्र दिवस भारत के तीन महत्वपूर्ण राष्ट्री पर्व में से एक है | ये एक ऐसा ऐतिहासिक दिन होता है जो हमें ही नहीं बल्कि हर भारतवासी को हमारे गणतंत्र का आभास कराता है | इसके साथ ही यह वह दिन भी होता है जब भारत अपने सामरिक शक्ति का प्रदर्शन करता है, जो किसी को डराने करने के लिए नही अपितु इस बात का संदेश देने के लिए होता है कि हम अपनी रक्षा करने में सक्षम है | 26 जनवरी के यह दिन हमारे देश के लिए एक ऐतहासिक पर्व है इसलिए हमें पूरे जोश तथा सम्मान के साथ इस पर्व को मनाना चाहिए |
आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भारत के तीन मुख्य राष्ट्री पर्वों में से एक राष्ट्री पर्व गणतंत्र दिवस और उसके महत्त्व के बारें में बताया |
आपको यह लेख कैसा लगा निचे comment कर के जरुर बताइए अगर अभी भी कोई सवाल आप पूछना चाहते हो तो निचे Comment Box में जरुर लिखे| और कोई सुझाव देना चाहते हो तो भी जरुर दीजिये| हमारे Blog को अभी तक अगर आप Subscribe नहीं किये हैं तो जरुर Subscribe करें| जय हिंद, जय भारत, धन्यवाद|