जीवन परिचय

संत नामदेव की जीवनी

संत नामदेव की जीवनी
Written by Jagdish Pant

दोस्तों आज हम आपको संत नामदेव की जीवनी के बारे में महत्वपूर्ण बाते  बताने वाले हैं  श्री नामदेव जी भारत के प्रसिद्ध संत  थे| आज हम आपको संत नामदेव के बारे में अघिक से अघिक जानकारी देने का प्रयास करेंगे

संत नामदेव की जीवनी

संत नामदेव का जन्म 26 अक्टूबर 1270 को राजस्थान में हुआ था| नामदेव नाम के पिता का नाम दामा सेठ और उनकी माता का नाम गोनई था जानकारों के अनुसार संत नामदेव का जन्म महाराष्ट्र के सातारा  में हुआ था | और कुछ लोगों का मानना था की उनका जन्म महाराष्ट्र के पंढरपुर में हुआ था|  क्योकि उनके पिता  विट्ठल के परम भक्त थे और  विट्ठल का मन्दिर महाराष्ट्र के पंढरपुर  में था के गुरु महाराष्ट्र के प्रसिद्ध संत ज्ञानेश्वर थे

संत नामदेव का विवाह

संत नामदेव का विवाह रजाई से हुआ था| जिससे उन्हें में बेटा हुआ था जिसका नाम विठा था और इससे ज्यादा जानकरी पुखता रूप से उपलब्ध नही है।

गुरु नानक में नामदेव के  61 पद 3 श्लोक संग्रहित हैं। महाराष्ट्र के कुछ विवेचकों की धारणा है कि ‘नामदेव’ पंजाबी हैं

नामदेव ने हिन्दी साहित्य में भी अनेक रचनाए की हैं

विद्वानों का मानना है की नामदेव पंजाब के गुरदासपुर जिले के घुमन ग्राम में उन्होंने 20 साल से भी ज्यादा समय व्यतीत किया था इसी कारण  से नामदेव को  सिक्ख समुदाय के लोग उन्हें नामदेव बाबा के नाम से जानते थे |

नामदेव ने आपना संपूर्ण जीवन मानव कल्याण के लिए समर्पित किया|

नामदेव की जीवनी

कलिंजर किले का इतिहास

श्री रामकृष्ण परमहंस की जीवनी

कबीर दास का जीवन परिचय

बसरा मंदिर का इतिहास

रहीम का जीवन परिचय (Biography of Rahim )

मुन्शी प्रेमचन्द का जीवन परिचय

रहीम का जीवन परिचय (Biography of Rahim )

कालिदास का जीवन परिचय

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जीवनी

रामनाथ कोविंद का जीवन परिचय

Chandrashekhar Azad Biography in Hindi (चंद्रशेखर आज़ाद का जीवन परिचय)

क़ुतुब मीनार का इतिहास (Qutub Minar History In Hindi)

जगदीश चन्द्र बोस का जीवन परिचय एवं इतिहास

साहित्यक देन 

नामदेव की वाणी आज भी गुरुग्रन्थ में आज भी मिलती हैं कुछ वाणी आज भी दक्षिण व महाराष्ट्र में गाई जाती हैं क्योकि उनका मानना है की वाणी पढ़ने से मन को शांति मिलती है और भक्ति की तरफ मन लगता हैं

नामदेव ने भारत के विभिन्न घार्मिक स्थलों की यात्रा की और आपनी कविताएँ लोगों तक पहुचाई और उन्होंने मुश्किल समय में महाराष्ट्र के लोगो को एकता के सूत्र में बांधने का भी काम किया है।

बाद में 50 साल की उम्र में नामदेव पंढरपुर में आकर बस चुके थे और वहा उनके अनेक भक्त थे  दूर दूर से लोग नामदेव से मिलने के लिए पंढरपुर आने लगे

नामदेव जी के कुछ हिन्दी अभंग

हरि नांव हीरा हरि नांव हीरा। हरि नांव लेत मिटै सब पीरा ॥टेक॥
हरि नांव जाती हरि नांव पांती। हरि नांव सकल जीवन मैं क्रांती ॥1॥
हरि नांव सकल सुषन की रासी। हरि नांव काटै जम की पासी ॥2॥
हरि नांव सकल भुवन ततसारा। हरि नांव नामदेव उतरे पारा ॥3॥
रांम नांम षेती रांम नांम बारी। हमारै धन बाबा बनवारी ॥टेक॥
या धन की देषहु अधिकाई। तसकर हरै न लागै काई ॥1॥
दहदिसि राम रह्या भरपूरि। संतनि नीयरै साकत दूरि ॥2॥
नामदेव कहै मेरे क्रिसन सोई। कूंत मसाहति करै न कोई ॥3॥
रांमसो धन ताको कहा अब थोरौ। अठ सिधि नव निधि करत निहोरौ ॥टेक॥
हरिन कसिब बधकरि अधपति देई। इंद्रकौ विभौ प्रहलाद न लेई ॥1॥
देव दानवं जाहि संपदा करि मानै। गोविंद सेवग ताहि आपदा करि जानै ॥2॥
अर्थ धरम काम की कहा मोषि मांगै। दास नांमदेव प्रेम भगति अंतरि जो जागै 

नामदेव के कीर्तनो की  भी चर्चा बहुत होती थी जैसे की

नामदेव किर्तानकरी, पुढे नाचे देव पांडुरंगा”

अर्थ- कहा जाता है की नामदेव जब कीर्तन करते थे तो भगवान में नाचने लगते थे

“नाचू कीर्तनाचे रंगी, ज्ञानदीप लावू जागी”

अर्थ – नामदेव का लक्ष्य था की कीर्तन के माघ्यम से  दुनिया में ज्ञान का प्रकाश फैलाना

संत नामदेव की मृत्यु

संत नामदेव की मृत्यु  1350 ई में हुई थी| तब उनकी उम्र 80 साल की थी नामदेव की मृत्यु भगवान के चरणों में हुई थी

आज नामदेव को पंढरपुर के मंदिर में एक विशेष दर्जा दिया जाता हैं

अंतिम राय

दोस्तों आज हमने आपको संत नामदेव की जीवनी , संत नामदेव का विवाह , साहित्यक देन , नामदेव जी के कुछ हिन्दी अभंग , संत नामदेव की मृत्यु के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देने का प्रयास किया हैं मुझे पूण आशा हैं की आपको यह आर्टिकल पसन्द आया होगा

आपको यह लेख कैसा लगा  निचे comment कर के जरुर  बताइए अगर अभी भी  कोई सवाल आप पूछना चाहते हो तो निचे Comment Box में जरुर लिखे| और कोई सुझाव देना चाहते हो तो भी जरुर दीजिये| हमारे Blog को अभी तक अगर आप Subscribe नहीं किये हैं तो जरुर Subscribe करें| जय हिंद, जय भारत, धन्यवाद|

 

About the author

Jagdish Pant

Leave a Comment

%d bloggers like this: