पण्डित चन्द्रशेखर ‘आजाद’ ऐतिहासिक रूप से भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के स्वतंत्रता सेनानी थे| सन् 1922 में असहयोग आन्दोलन के बन्द होने के बाद उन्होंने अपनी विचारधारा बदल दी| और वह क्रान्तिकारी गतिविधियों से जुड़ कर हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसियेशन के सदस्य बन गये।
चन्द्र शेखर आजाद का जन्म तथा प्रारम्भिक जीवन
चन्द्र शेखर आजाद का जन्म शेखर भाबरा गाँव में 23 जुलाई सन् 1906 को हुआ था आज यह गाँव वर्तमान अलीराजपुर जिले के नाम से जाना जाता है| और उनके पूर्वज बदरका के रहने वाले थे| चन्द्र शेखर आजाद के पिता पण्डित सीताराम तिवारी संवत् 1956 में जब आकाल पड़ा था तब वह अपने पैतृक निवास बदरका को छोड़कर चले गये फिर वह मध्य प्रदेश अलीराजपुर रियासत में नौकरी करने लगे| फिर जाकर भाबरा गाँव में बस गये। और इसी गॉव में चन्द्र शेखर आजाद का बचपन बीता| चन्द्र शेखरआजाद की माँ का नाम जगरानी देवी था| बचपन में चन्द्र शेखर भील बालकों के साथ खूब धनुष बाण चलाते थे| देखा जाए तो उन्होंने निशानेबाजी बचपन में ही सीख ली थी| बालक चन्द्र शेखर का मन अब देश को आज़ाद कराने के लिए उत्सुक था
चंद्र शेखर का नाम आजाद कैसे पड़ा ?
चन्द्र शेखर आजाद 15साल की उम्र में जेल गये और उन्हें जज के सामने पेश किया तो उनहोंने अपना नाम आजाद बताया और पिता का नाम स्वतंत्रता और मेरा पता जेल है| यह सुन कर जज भड़क गया और जज ने चन्द्र शेखर आजाद को 15 बेंतो की सजा सुनाई गई| उसी वजह से उनका नाम आजाद पड़ा
चन्द्र शेखर द्वारा झाँसी में किये गए कार्य –
चन्द्र शेखर आजाद ने कुछ समय के लिए झाँसी को अपना केन्द्र बनाया था इसके लिए उन्होने ओरछा के जंगलो का उपयोग किया था जो झाँसी से 15 किलोमीटर दूर है और वही पर चन्द्र शेखर निशानेबाजी का अभ्यास करते थे| वह निशानेबाजी का प्रशिक्षण दुसरे सदस्यों को भी देते थे|
वह लम्बे वक्त तक पंडित हरिशंकर ब्रह्मचारी के नाम का इस्तमाल करते थे और पास के ग्राम धिमारपुरा के बच्चो को पढ़ाते थे इस कारण से आजाद ने स्थनीय लोगों के साथ अच्छी-खासी पहचान बना ली थी|
चन्द्र शेखर आजाद की मृत्यु
चन्द्र शेखर आजाद की मृत्यु 27 फरबरी 1931 के दिन घटित हुई पुलिस की गोलीबारी में में हुयी थी और वह हमेशा के लिए इतिहास में दर्ज हो गये और पुलिस ने किसी को बिना सूचना दिये चन्द्र शेखर आजाद का अन्तिम संस्कार कर दिया | जैसे ही जनता को पता चला तो वह इलाहाबाद अलफ्रेड पार्क में आ गये और जिस वृक्ष के नीचे चन्द्र शेखर आजाद शहीद हुए थे उस वृक्ष की पूजा करने लगे| जैसे ही चन्द्र शेखर आजाद की मृत्यु की खबर जवाहरलाल नेहरू की पत्नी कमला नेहरू को मिली तो वह भी अन्तिम दर्शन करने के लिए पहुची|
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चन्द्र शेखर आजाद की लोकप्रियता
चन्द्र शेखर आजाद की लोकप्रियता इस बात से देखी जा सकती है की वह जिस पार्क पर शहीद हुए थे उस पार्क का नाम बदलकर चंद्रशेखर आज़ाद पार्क रख दिया|
चंद्रशेखर आज़ाद के नाम पर 1965 में आई फिल्म शहीद से लेकर कई फिल्म उनके चरित्र को लेकर बनाई गयी है और फिल्म में सनी देओल ने चंद्रशेखर आज़ाद का किरदार निभाया था
चंद्रशेखर आज़ाद ने बलिदान की नई कहानी लिखी थी उनके अनुरोध में हज़ारों युवक स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े थे। और उनका सपना 15 अगस्त सन 1947 को पूरा हो गया चंद्रशेखर आज़ाद एक महान स्वतंत्रता सेनानी के रूप में हमेशा याद किये जायेंगे।
देश के लिए अपने जीवन का बलिदान देने वाले चंद्रशेखर आज़ाद सदा अमर रहेगे चंद्रशेखर आज़ाद को हम अपने जीवन में उतार सकते
आज हमने आपको को चंद्रशेखर आज़ाद के जीवन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है, जैसे की _चन्द्र शेखर आजाद कौन थे , चंद्रशेखर आज़ाद का जन्म कब और कहा हुआ था ,आजाद ने भारत की आजादी में कैसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई,| और चंद्रशेखर आज़ाद की मृत्यु कैसे हुई, चंद्रशेखर आज़ाद की लोकप्रियता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी , चन्द्र शेखर का नाम आजाद कैसे पड़ा, आदि.
नोट: हम शुद्धता और सटीकता के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। कृपया हमे बताये की इस लेख में आपको चन्द्र शेखर आजाद के जीवन इतिहास के बारे में कुछ भी लगता है तो आप कमेट कर सकते है और यदि आपके पास सही जानकारी है निबंध या लघु जीवनी है तो आप हमें आलेख में सुधार के लिए सहायता कर सकते हैं|